The smart Trick of Shodashi That Nobody is Discussing

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ज्येष्ठाङ्गबाहुहृत्कण्ठकटिपादनिवासिनीम् ॥७॥

वास्तव में यह साधना जीवन की एक ऐसी अनोखी साधना है, जिसे व्यक्ति को निरन्तर, बार-बार सम्पन्न करना चाहिए और इसको सम्पन्न करने के लिए वैसे तो किसी विशेष मुहूर्त की आवश्यकता नहीं है फिर भी पांच दिवस इस साधना के लिए विशेष बताये गये हैं—

The Shreechakra Yantra encourages the key benefits of this Mantra. It isn't Obligatory to meditate before this Yantra, but if You should purchase and use it through meditation, it will give awesome Advantages to you. 

The Chandi Route, an integral Section of worship and spiritual practice, Specifically all through Navaratri, is not really simply a text but a journey in by itself. Its recitation is a powerful Device within the seeker's arsenal, aiding during the navigation from ignorance to enlightenment.

पद्मालयां पद्महस्तां पद्मसम्भवसेविताम् ।

ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना more info कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।

ह्रीङ्काराम्भोजभृङ्गी हयमुखविनुता हानिवृद्ध्यादिहीना

देवस्नपन दक्षिण वेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

The Shodashi Mantra can be a 28 letter Mantra and so, it is among the simplest and best Mantras that you should recite, try to remember and chant.

हन्तुं दानव-सङ्घमाहव भुवि स्वेच्छा समाकल्पितैः

कर्त्री लोकस्य लीलाविलसितविधिना कारयित्री क्रियाणां

संक्रान्ति — प्रति मास जब सूर्य एक संक्रान्ति से दूसरी संक्रान्ति में परिवर्तित होता है, वह मुहूर्त श्रेष्ठ है।

ज्योत्स्नाशुद्धावदाता शशिशिशुमुकुटालङ्कृता ब्रह्मपत्नी ।

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

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